मेरा जीना मुहाल करती है
मौत भी तो कमाल करती है
साँसों कि देखभाल करती है
रूठकर मुझसे मेरी जानेमन
चाँद की बेवफाई पर उजाला
जुगनुओं की मशाल करती है
जागती रातभर है बैरन रात
नींद बैठी मलाल करती है
याद आती 'श्याम' जब तेरी
मेरी धड़कन धमाल करती है
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